शासक ने कहा -
शोर मत करो
नारे मत लगाओ ,
तुम वैसे ही दशहरे ,दीवाली
ईद और मुहर्रम पर
करते हो बहुत शोर .
शहर के हडताली चौक पर
अगर कभी दिखे नारे लगाते
तो मेरे सिपाही
बेंत के डंडों से
फोड़ देंगे तुम्हारा सर .
चिल्लाने का बहुत ही शौक है तो
घर में ही कर लेना हरि- कीर्तन ,
बस इसकी इजाजत देता हूँ तुम्हें .
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